एक ख़ास रिश्ता
एक ख़ास रिश्ता
तुम ख़ूबसूरत नहीं
मगर तुम्हारा साथ खूबसूरत है।।
तुम दुनिया में अनन्य नहीं
पर तुमसे अच्छी जीवन साथी
नहीं मिल सकती थी।।
तुम में ख़ूब सारी कमियाँ हैं
पर तुम्हारी कुछ अच्छाइयाँ
उन पर भारी हैं।।
तुम कोई बड़ी अफ़सर नहीं
पर तुम जो करती हो
मुझे उस पर गर्व है।।
तुम्हारे भले ही कई दोस्त हो
पर मेरे लिए सिर्फ़ तुम ही हो।।
तुम चाहे कितनी ही भावनात्मक हो
मुझे तुम्हारी हर भावना की क़दर है।।
तुम्हारे बहुत बड़े बड़े सपने हैं
पर तुम्हारी हर कोशिश में
मैं तुम्हारे साथ हूँ ।।
तुम चाहे कभी कभी कमज़ोर
पड़ जाती हो
पर अपनी हिम्मत से तुम
मुझे कमज़ोर पड़ने नहीं देती।।
बस यही सब बातें ही तो हैं
जिससे हम एक दूजे के इतने करीब हैं ।।
रखते एक दूजे पर विश्वास हैं
और बना रहे अपने रिश्ते को खास हैं ।।