दूध का कर्ज
दूध का कर्ज
तुमने मुझे जन्म दिया कितना सारा दर्द सहा।
दूध का कर्ज चुका न सका मैं।।
माँ ने हमें अंगुली धरकर चलना सिखाया
फिर तोतली भाषा मे बोलना सिखाया।
दूध का कर्ज चुका न सका मैं।।
खुद भूखे रहकर हमें
खिलाती फिर लोरी गा कर सुलाती।
दूध का कर्ज चुका न सका मैं।।
उसने हमे व्याह रचाई घर मे एक बहु लायी ।
दूध का कर्ज चुका न सका मैं।।
जब आयी बुढापा की बारी माँ को थी
सेवा की जरूरी हमने उनकी सेवा न की।
दूध का कर्ज चुका न सका मैं।।
जब माँ की मृत्यु आयी हमने ढोकले आसु बहाई।
दूध का कर्ज चुका न सका मैं।।
जब आयी माँ की याद आँखो से बहने लगे
गंगा की धार दूध का कर्ज चुका न सका मैं।
दूध का कर्ज चुका न सका मैं।