दुःख
दुःख
दुःख को लोग यूँ ही कोसते हैं
दुःख को लोग यूँ ही सोचते हैं
दुःख ही सच्चा जीवन साथी हैं
दुःख सच मे दीये की बाती हैं
लोग दुःख को यूँही गाली देते है
दुःख पर बलिहारी जाऊं साखी,
दुःख में प्रभु ज्यादा याद आते है
दुःख को लोग यूँ ही कोसते हैं
जबकि दुःख में ही पता चलता,
कौन-कौन हमसे सत्य बोलते है
दुःख जीवन मे जिनके आता है,
हकीकत का पता चल जाता है,
दुनिया में कौन अपना सगा है
दुःख ही जीवन सत्य बोलते है
किसे अपना कहे,किसे पराया,
यह दुःख ने ही हमको बताया,
दुःख कहीं छिपी बाते बोलते है
दुःख को लोग यूँही कोसते है
दुःख ही शूल की चुभन देकर,
फूल की सच्ची हंसी तोलते है।