दर्द की दास्तां
दर्द की दास्तां
और जिसे देखो उसे दर्द की बातें करते है,
वो भी जो दर्द से महरूम हैं ,
और वो भी जिसका दर्द इत्तेफाक़ से मेहमान मालूम पड़ता है.
दर्द की दास्तां सुनोगे?
दर्द वो रात है जो ख़ूबसूरत तो बहुत है पर अपने रंग से मार खा जाती है,
और दुनिया को सूरज की शक्ल दिखाने के लिए खुद बेशक्ल हो जाती है,
दर्द वो सवेरा भी है जो रात की खूबसूरती को निखारने के लिए,
अपना उजाला उसके अंधेरे को सौंप देता है,
दर्द से आंखें मिलाकर इन्होंने भी देखी है,
मगर फिर भी ये अपनी कहानी दर्द से नहीं,
कुछ बेहतर देखने के ख़्वाब से लिखते हैं..!!