दिल टूटने की दवा दीजिये कोई
दिल टूटने की दवा दीजिये कोई
दिल टूटने की दवा दीजिये कोई,
आँखों के पानी को हवा दीजिये कोई,
सारी रात ये बरसते रहे हैं,
एक नई सलाह दीजिये कोई।
मालूम ना था मिलेगा ऐसा धोखा,
जो कसमे खाके कहेगा क्यूँ रोका,
उन्ही कसमों की स्वाह दीजिये कोई,
दिल टूटने की दवा दीजिये कोई।
चाहा ना था हमने कि हम दिल लगायें,
मगर तेरी बातों से बच भी ना पाये,
उन्ही बातों की बद्दुआ दीजिये कोई,
दिल टूटने की दवा दीजिये कोई।
रातों को संग तेरे कितना था तड़पे,
कहने को था बहुत फिर भी ना भड़के,
उन्ही रातों की फिर सजा दीजिये कोई,
दिल टूटने की दवा दीजिये कोई।
हर कोशिश की हमने कि तुमको मनाये,
मगर जितना आये तुम उतना रुलाये,
उसी कोशिश को अब कफ़न दीजिये कोई,
दिल टूटने की दवा दीजिये कोई।
अब दिल ये मेरा भर सा गया है,
तुम्हारी चाहत से तर सा गया है,
इसी छोटे दिल को खंजर दीजिये कोई,
दिल टूटने की दवा दीजिये कोई।
कभी जो अब गलती से दुबारा मिलेंगे,
कुछ ना तब तुमसे गिले शिकवे करेंगे,
हर शिकवे का एक ताबूत दीजिये कोई,
दिल टूटने की दवा दीजिये कोई।।