डर! ( Horror )
डर! ( Horror )
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1- है अदृश्य पर मन पर,
बड़ा असर है।
मर जाने से भी भारी,
मर जाने का डर है।।
2- जीत है निश्चित अगर,
आपकी उस पर धकड़ पकड़ है ।
भय तो दिन के सपनों जैसे,
सोच की लिए जकड़ है।।
3- भय बस पल - दो पल का वासी।
साहस हर पल बल है।।
साहस ही है असल तत्व ।
भय सिर्फ़ नक़ल की मूरत ।।
4- परछाईं भी देख डरा करते कुछ लोग।
गले लगाकर मौत अमर कहलाते लोग।।

