द फ्लाइंग सिख
द फ्लाइंग सिख
मिल्खा सिंह, द फ्लाइंग सिख
के रूप में भी जाने जाते है।
वे एक भारतीय ट्रैक और फील्ड स्प्रिंटर थे ,
जिनको भारतीय सेना में सेवा के दौरान
खेल से परिचित कराया गया था।
वे एशियाई खेलों के साथ-साथ
राष्ट्रमंडल खेलों में 400 मीटर दौड़ में
स्वर्ण जीतने वाले एकमात्र एथलीट हैं।
उन्होंने 1958 और 1962 के
एशियाई खेलों में भी स्वर्ण पदक जीते।
उन्होंने 1956 के मेलबोर्न में ग्रीष्मकालीन ओलंपिक,
रोम में 1960 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक
और टोक्यो में 1964 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक
में भारत का प्रतिनिधित्व किया।
उनकी खेल उपलब्धियों के लिए
उन्हें भारत के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान
पद्म श्री से सम्मानित किया गया।
भारत के विभाजन के दौरान,
वे अनाथ और विस्थापित हो गए थे ;
लेकिन फिर उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत से,
अब अपने देश में एक खेल प्रतीक बन गए हैं।
2008 में, पत्रकार रोहित बृजनाथ ने उनको
"भारत के अब तक के सबसे बेहतरीन एथलीट"
के रूप में वर्णित किया है।
आज 19 जून 2021 को उनके दुखत निधन पर
पूरा देश सौकाकुल है और भारत के इस
महान खिलाडी को श्रद्धांजलि दे रहा है।
मिल्खा सिंह जैसे कोई नहीं,
वे दौड़ते समय हवा मैं उड़ते हुए नज़र आते थे।
वे थे हमारे द फ्लाइंग सिख।