चलो गगन छुएं।
चलो गगन छुएं।
आधुनिक इंसान,
बिना शिक्षा बेकार।
कठिन हो जाएगा जीना,
कुछ नहीं सूझेगा,
जानवर जैसा लगेगा।
उसमें भी अगर,
बेटी को पढ़ाएं,
तो समाज में,
क्रांति का बिगुल बजाएं।
बेटी कल को,
परिवार चलाएगी,
अपने सारे सदगुण,
परिवार में लाएगी।
शिक्षित होने से बड़ा नहीं,
कोई सदगुण,
अगर बेटी को,
मां सरस्वती का आशीर्वाद मिलेगा,
तो वो सबको चरितार्थ करेगा।
सारे घर की बागडोर,
अथार्त सारे समाज का कल्याण।
आने वाली पीढ़ियों को,
दिशा और निर्देश,
सही पथ का चयन,
बेटी का ही होता,
ये सारा दायित्व।
इन सबसे,
वो तभी सही निर्वाहन कर पाएगी,
अगर स्वयं,
शिक्षा का फल चखेगी।
इसलिए शिक्षा,
सबके लिए अनिवार्य।
इसमें भी बेटी,
है सर्वोपरि।