अकेली ही सही तसकीन तो थी, दूर कहीं मंज़िल थी, उसी की कही क़रीब में में थी। अकेली ही सही तसकीन तो थी, दूर कहीं मंज़िल थी, उसी की कही क़रीब में में थी।
और अंत में यही निष्कर्ष निकाला .... कि व्यवसाय बढ़िया वही जो दिल से कर डाला। और अंत में यही निष्कर्ष निकाला .... कि व्यवसाय बढ़िया वही जो दिल से कर डाला।
हर रोज स्याह होती जा रही, व्यथाओं की तस्वीर उसकी...! हर रोज स्याह होती जा रही, व्यथाओं की तस्वीर उसकी...!
सच तो है, की मैं गुलाम हूं अपने दायरे में रुका, इक गुलाम हूं।। सच तो है, की मैं गुलाम हूं अपने दायरे में रुका, इक गुलाम हूं।।
जाओ वहां जहाँ दिल ले जाये जाओ वहां जहाँ दिल ले जाये