बींग अ फ़ादर
बींग अ फ़ादर
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तेरा आगाज कुछ ऐसे हुआ
कि लड़कपन ही मुझसे छूट गया
रोने की आवाज सुनकर
दिल जैसे मेरा बैठ गया
तेरा आगाज कुछ ऐसे हुआ ।
खिलखिलाकर कर हँसते हुए अचानक रोना
माँ के आँचल में छुपते ही
सुकून से सोना,
ममता का अहसास करा गया
तेरा आगाज कुछ ऐसे हुआ ।
नन्हे हाथों से
मेरी उंगली थामना ,
जैसे वादा है हर पल साथ का
हाथ फैला कर गोदी में
लेने का इशारा जैसे
स्वागत हो मेरी नई जिंदगी का
तेरा आगाज कुछ ऐसे हुआ।
दुआ है मालिक से
तुझे हर ख़ुशी मिले
तू हर कदम,
बेहतर इंसान बने ।