भूतिया हवेली
भूतिया हवेली
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आज गांवों कस्बों में 50 सदस्यों से भी अधिक की गवाह।
किसी समय के शानो-शौकत वाले बड़े घर भूतिया हवेली अथाह।
कहीं एक भूत तो कहीं 2भूत थकित आत्मा लिए रहे डोल।
चहुंओर कानों में बजती आवाजों में सिमट रहे अपने खोल।
आंखें पथराई सूनी, न खाने की भी सुध भाग्य को रहे कोस।
याद कर उस दिन को, जब लालको भेजा विदेश दिल रहे मसोस।