भोगी
भोगी
![](https://cdn.storymirror.com/static/1pximage.jpeg)
1 min
![](https://cdn.storymirror.com/static/1pximage.jpeg)
312
यह वो शिवालय का
शिव योगी नहीं ,
बस भोगी है संसार में
विचरता रहता है !
जो संसार से उत्पन्न
जहर पी कर भी ,
धर कंठ बस समाधि में
लीन रहता है !
इसकी क्या समसा करें
उस शिव से ,
यह तो शब्दों का जहर
उगलता रहता है !