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Dr. Pankaj Srivastava

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बेटियां - एक अनमोल रत्न

बेटियां - एक अनमोल रत्न

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सृष्टि की जननी का अस्तित्व खतरे में हो चला है


वधु वंश के लिए निहित है पर

बेटियों का अस्तित्व खतरे में हो चला है।


वंश का अस्तित्व पुत्र से है पर

बेटियों का अस्तित्व खतरे में हो चला है।


बुजुर्गों की लाठी है बेटी

दुख-दर्द की साथी है बेटी।


फिर उसके होने पर कुछ आँगन में मातम सा क्यों होता है?


बुद्धजीवियों की सोच पर पत्थर क्यों पड़े है?


यहाँ कुछ वर्ग अपने पर ही क्यों आड़े हैं?


समूचा ब्रह्माण्ड नारी शक्ति समछ नतमस्तक है

और हम अपनी रूढ़ियों समछ।


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