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Hemant Kumar Saxena

Others

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Hemant Kumar Saxena

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बेटी और पिता की भावना

बेटी और पिता की भावना

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पिता

मेरे लिए

तेरी आँखों से आँसू बहना

बहती नदी की कसौटी है

क्यूँ न कहूँ मैं मेरी लाडो

आखिर तू मेरी बेटी है

कहता होगा जग पराई

मेरे अरमानों की पेटी है

क्यूँ न कहूँ में मेरी लाडो

आखिर तू मेरी बेटी है


तलपट हो या चितपट में

कट कट मरता हूँ तेरे लिए

तेरी ही ख़ुशियों को मानूँ

दीवाली के वो जलते दिये

रहे तू चाहे कहीं भी बेटी

दिल में तू मेरे रहती है

क्यूँ ना कहूँ मैं मेरी लाडो

आखिर तू मेरी बेटी है


बेटी

पिता तुम्हारी लाडो हूँ मैं तो

एक वचन मैं तुम को दूंगी

जिस घर मुझ को विदा करो

हर दुःख उस घर में सह लूंगी

मिट जाऊँगी उस घर में

तुम्हारी लाज नहीं मिटने दूँगी

पिता तुम्हारी लाडो हूँ मैं

एक वचन तुम को दूँगी


पिता तुम्हारी शान में मैं

हर खुशी को दाँव लगा दूँगी

जिस कर्म में ना हो तेरी इज़्ज़त

कर्म मैं वो नहीं करूंगी

तुम्हारे समझाये कर्तव्यों का

सम्मान मैं सदा रखूँगी

पिता तुम्हारी लाडो हूँ मैं

एक वचन तुम को दूँगी


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