बेरोजगारी
बेरोजगारी
कदम कदम पर कर रही
वादे सभी सरकार हजार,
बेरोजगारी की लाइन बड़ी,
न मिले नौकरी का आधार।
बढ़ती जाए दिनोंदिन अब,
बेरोजगार की लाइन बड़ी,
चपरासी की नौकरी में भी,
देखो भारी यह भीड़ खड़ी।
चपरासी की नौकरी निकले,
पीएचडी लाइन में खड़े हुए,
हाथ पैर जोड़ती नेताओं के,
नौकरी की बस आस लिए।
नौकरियों का पिटारा खोलेंगे,
सरकार ने वादे किए बेशुमार,
पूरे वादे नहीं कर पाए कभी,
होती उनकी जन करारी हार।
कब तक ये वादे सुनते रहेंगे,
ये दुखियारे देश के बेरोजगार,
दो वक्त की रोटी नहीं मिलती,
मांगे मिलता नहीं उन्हें उधार।
झूठे वादे जन कभी न करना,
फिर वादे पूरे कर दिखलाओ,
बढ़ती जाए बेरोजगारी आज,
इनको बस रोजगार दिलाओ।
