बेरंग जिंदगी
बेरंग जिंदगी
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घुट घुट कर नहीं मरना है
करना कुछ अब करना है
बेरंग है कब से जिंदगी
जिंदगी में रंग अब भरना है
कुछ रंग उम्मीदों के कुछ रंग विश्वास के
कुछ रंग खुद के कुछ अपनों के साथ के
कुछ रंग आकाश से ले आए
कुछ धरती से पा जाएं
प्रकृति भी रंगीन है कुछ इसमें मांग लाएं
अब तो जिद कर ली है यारा
बस पार उतरना है
कब तक यूं सब कुछ कहेंगे
हम भी तो जिंदगी जिएंगे
नहीं किसी से डरना है
अब तो अपने लिए कुछ करना है
घुट घट कर नहीं मरना है।