निशान्त "स्नेहाकांक्षी"
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या मुझको मेरी खता बता दो,
या फिर उसका पता बता दो
थक गया हूँ समझदारी से,
उस बचपन का फिर से रास्ता बता दो..!
नहीं चाहिए वक़्त की बेड़ी,
बेवक़्त बचपन फिर से दिला दो
जीवन की कशमकश से हटकर,
दादी की कहानी आहिस्ता सुना दो..!
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