बचपन का जमाना
बचपन का जमाना

1 min

132
आज बचपन की याद आई
मैं लौट गयी उस जमाने में
जहां न कोई चिंता थी
न फिक्र थी कमाने की
बचपन की रात वो अजीब थी
ज़मीन पर सोए या बिस्तर पर
आंख खोलती थी हमेशा बिस्तर पर
मम्मी से झूठ बोलते थे फिर भी नहीं
पकड़े जाते थे हम यह उन दिनों की
बात है जब छोटे बच्चे थे हम
जब न रोने की वजह थी ना
हँसने का बहाना था सबसे अच्छा
दोस्तों बचपन का जमाना था।