बात फूलों की हो तो
बात फूलों की हो तो
बात फूलों की हो, तो खुशबू को कहने दो ।
माधव की मधुरता कागज़ पर ढाल नहीं सकते,
उसके आने का पदचाप कलम से भाप नहीं सकते
कहते कहते शब्द निःशब्द हो जायेंगे,,
थिरके अगर पाँव तो घुंघरू छनकते रहने दो।
बात फूलों की हो, तो खुशबु को कहने दो ।
हाथ पकड़कर कोई सुरालय ले जाए,
जाम पर जाम हम को हाथ में दे जाए,
बात कुछ और होगी अगर साकी हो श्याम,
महकती मदहोशी मयखाने को सहने दो।
बात फूलों की हो, तो खुशबू को कहने दो।
श्याम मिलन की प्यास दिल मे न जगे,
फिर बाँसुरी वृंदावन की कथा व्यर्थ लगे,
पास होकर भी हम न पा सके श्याम को,
अगर आँख से आँसू बहे तो ऐसे ही बहने दो।
बात फूलों की हो, तो खुशबू को कहने दो ।