Alka Nigam
Others
थोड़ा थोड़ा करके
तुम प्यार की बारिश करना
बन के फुहार तुम साँझ को आना
दिन में तुम रिमझिम गिरना
रात को तुम बिजली संग आना
जो डर के लिपट मैं जाऊँ
सुबह सवेरे ओस में भीगी
तुम संग मैं अलसाऊँ
प्यार की इस मीठी बारिश में
भीग भीग मैं जाऊँ।
वो भी क्या दि...
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स्ट्रेचमार्क्...
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शबरी