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Alka Nigam

Others

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Alka Nigam

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बारिश

बारिश

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थोड़ा थोड़ा करके

तुम प्यार की बारिश करना

बन के फुहार तुम साँझ को आना

दिन में तुम रिमझिम गिरना

रात को तुम बिजली संग आना

जो डर के लिपट मैं जाऊँ

सुबह सवेरे ओस में भीगी

तुम संग मैं अलसाऊँ

प्यार की इस मीठी बारिश में

भीग भीग मैं जाऊँ।


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