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Nand Kumar

Others

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बाल रूप श्री राम

बाल रूप श्री राम

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दशरथ के अंगना खेलै सुत, 

चारिउ देखि मुदित महतारी ।

राम लखन अरु भरत शत्रुघन, 

परम मनोहर छवि अति न्यारी ।

श्याम सरोरूह गौर चन्द्र इव, 

भाजै गिरै करे किलकारी ।

निज प्रतिबिम्ब देखि कर पकरै, 

निरखि लहै दशरथ सुख भारी ।

डगमग चलै कहै कछु अटपट, 

मुदित करै सुर पुष्प बौछारी ।

बाल रूप प्रभु बसौ ह्रदय मम, 

नन्द कुमार जाइ बलिहारी ।।


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