बाबुल
बाबुल
मायके से आया ये खत ज़रा दिल थाम कर पढ़ना,
लिखे है तुम्हारी याद में दो शब्द इन्हें मेरे जज्बात समझना,
इस नई ज़िन्दगी में तुम खुद को अच्छे से ढालना,
इस घर की रोंनक थी तुम अब ये घर है सूना,
कोई मुश्किल आए तो हस कर करलेना सामना,
जो हमसफ़र पड़े कमजोर तुम उन्हें संभालना,
जाने अनजाने हो जाए जो भूल उसकी माफी मांगलेना,
मुसीबत के वक़्त होसला ना हारना,
जहां तुम्हारी गलती नहीं वहां खामोश ना रहना,
दुख के पलों में उम्मीद वाले गीत तुम गाना,
जो हार जाओ कभी तो आस ना त्यागना,
परिस्थितियों के आगे कभी ना हारना,
जो भी खुशी तुम्हारी झोली आए उसे सीने से लगाना,
हालात के आगे तुम कमज़ोर ना बनना,
अपने इस सफ़र में तुम सिर्फ प्यार बांटना,
अपने हमसफ़र के सारे दुख दूर कर उन्हें हर सुख दे देना,
ये मायेका आज भी तुम्हारा ही घर है इसे पराया ना समझना,
ज़िन्दगी के हर रंग हर मौसम को जी भर कर जीना,
तुम जैसी हो वैसी है रहना,
आशीर्वाद है मेरा तुम ज़िन्दगी भर खुश रहना।