STORYMIRROR

Karil Anand

Others

3  

Karil Anand

Others

अस्थिरता

अस्थिरता

1 min
217

सामाजिक उथल पुथल का दौर है।

हर तरफ दिखावे और झूठी हमदर्दी का शोर है।

अमानवीयता को देखकर बहुत कुछ करना चाहता है।

लेकिन मूक दर्शक बना रह जाता है इंसान।

असंख्य प्रयासों को असफल होता देखकर

हताश हो जाता है इंसान।

मन के अंतर्द्वंद्व से जूझता रहता है।

पुरुषार्थ करने से घबराता है इंसान।



Rate this content
Log in