अपनी कमज़ोरी न बता दुनिया को
अपनी कमज़ोरी न बता दुनिया को
अपनी कमज़ोरी न बता दुनिया को वो फ़ायदा उठाना जानती है,
अपनी मज़बूत पहचान बना ये दुनिया पहचान के पीछे चलती है।
दुनिया तो ढूंँढती है मौका बढ़ते हुए कदमों को पीछे खींचने का,
जो लड़खड़ाए कदम कदम पर दुनिया उसी को ठोकर मारती है।
सीख ले वक़्त के साथ चलना तू, मत सोच दुनिया क्या कहेगी,
खुद को फ़ना न कर दुनिया के लिए ये मतलब से साथ चलती है।
मतलबपरस्त इस दुनिया में जरूरत ख़त्म तो मतलब भी ख़त्म,
प्यार के बदले प्यार मिले ऐसी दुनिया की फितरत नहीं होती है।
चलता नहीं अच्छाई के साथ कोई यहांँ, झूठ के पीछे है कारवां
ये दुनिया है साहब, सच्चाई के ख़िलाफ़ अक्सर बोला करती है।