अंकों का खेल
अंकों का खेल
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अंको का खेल !
बड़ा निराला ।
कभी बढ़ता !
कभी घटता ! तो ?
कभी द्विगुणित हो जाता !
कभी हो विभाजित...
वां और शेेेष रह जाता....
अंंको का खेल !
बड़ा निराला है ।
कभी आपस में
हो संयोजित.....
संवरक, बंंटन,और
कभी क्रमविनीमिता के
भाव को समझाता.....
कभी एक से गुणित हो
समभाव दिखाता....
तो कभी शून्य से जुुड़
कर समभाव दर्शाता....
कभी विपरीत चिन्ह से
जुड़ कर शूूू्न्य हो जाता
कभी प्रतिलोम से गुणित
हो एक रह जाता....
अंको का खेल
बड़ा इठलाता........
