ऐ हालात
ऐ हालात
एक अमीर को फ़क़ीर बनने मे
कभी तो वक़्त ही नहीं लगता,
जब वक़्त उसका साथ छोड़ देता
उसे समझने की वक़्त नहीं मिलता |
अपने आप से फिर वो कहता
धन तो गया, तन बिगड़ गया,
मन उदास हुआ, दिल टूट गया
रिश्ते टूट गये, अकेले रह गया।
अपने बिखर गये, दूर चले गये
कभी लौट के वो नहीं आये,
ये जो गुरुर था, नहीं रहा
चूर चूर शानो शौकत भी हुए।
अब और क्या बचा खोने को
ऐ हालात, अब तू जरा बता,
मेरी दुनिया ही तो बदल गए
क्या ये तुझे नहीं है पता?
अब तो देखो रोना भी आता
पर ये सारे आँसू सुख गए,
ऐ हालात, सुनते हों सारे तुम
पर तेरा जवाब कहाँ छुप गये|
जब मुस्कुराने की बारी भी आया
तू खुशियाँ सारी मेरे छीन लिए,
जब बड़े दिनों के बाद संभाला
तू संभलने की ताकत नहीं दिए।
कब पैर तले जमीन को खिंचा
ये मुझे कभी समझ नहीं आया,
और खुदको ही मे कोषता रहा
सारे दर्द की गम पी गया।
जब मदत के कोई हात बढ़ाया
वो हात भी तुम तोड़ दिए,
किसीका मुझपे तरस खाना भी सायद
लगता है, तुम्हे मंजूर नहीं हुए।
जब शान से जीने की चाहत
दिल की अरमान बनने ही लगी,
ऐ हालात, तुम कियूँ रूठ गए
और सब कुछ मेरे टूटने लगी।
जब मेरा दिल कुछ करने लगा
दिल को दिल से जोड़ने लगा,
ऐ हालात, तुम होने नहीं दिए
तुमसे दिल को बड़ा धक्का लगा।
जब अपनों को अपना समझ के
जीभरके ढेर प्यार किआ और अपनाया,
ऐ हालात, तू ऐसे कियूँ किए
उनको भी तुम गैर बना दिआ।
बाकि तो सिर्फ एक मन था
मेरा अपना ही कहेने के लिए,
ऐ हालात, वो भी देख आज
टूट के सारे टुकड़े टुकड़े हुए।
लोग अभी कहेते है मुझे सब
मे हूँ वक़्त के मारा बिचारा,
ऐ हालात, अब तो देखो मुझे
सच सभी को बता दे जरा।