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Shailaja Bhattad

Others

5.0  

Shailaja Bhattad

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अच्छी सोच

अच्छी सोच

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सोच अच्छी हो तो लफ्ज़ों में हुनर आ ही जाता है।

फिर न सलवटें होती है ना फिक्र ।

फिर न आपका होना खलता है,

न शब्द चुभता है ।

आपका होना ही इत्र का काम करता है।

आपकी रुखसत मायूसी भरता है।



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