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Goldi Mishra

Others

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Goldi Mishra

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अभी तो बाकी है.......

अभी तो बाकी है.......

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ढल चुकी थी शाम और उसने कहा रात ढलनी अभी बाकी है,

बयां हो गई है ख्वाहिशें मगर कुछ तो कहना अभी बाकी है,।।

भर ली आंखों में चमक इन तारों की याद आया चांदनी में भीगना अभी बाकी है,

उन गलियों में बेशक गुज़रे थे लम्हे कई पर कुछ तराने अभी बुनने बाकी है,

पूरा है श्रृंगार बस इन आंखों की दहलीज पर काजल का उतरना अभी बाकी है,

उस किताब को पढ़ा है कई बार पर शायद कोई पन्ना पढ़ना अभी बाकी है,।।

ढल चुकी थी शाम और उसने कहा रात ढलनी अभी बाकी है,

बयां हो गई है ख्वाहिशें मगर कुछ तो कहना अभी बाकी है,।।

लिखे है नगमे कई लगता है कोई गीत पिरोना अभी बाकी है,

एक रोज़ जिए थे जो पल उसका एहसास आज भी बाकी है,

एक ठहराव तो आया है कहीं लेकिन सफ़र अभी भी बाकी है,

भीतर राख हो चुका है सब पर एक पल लगा मानो कही तो चिंगारी अभी भी बाकी है,।।

ढल चुकी थी शाम और उसने कहा रात ढलनी अभी बाकी है,

हो गई है ख्वाहिशें मगर कुछ तो कहना अभी बाकी है,।।

घिर आए है मेघ गगन में पर सावन की बौछार अभी बाकी है,

सुने अनसुने से लगते इन किरदारों से रूबरू होना अभी बाकी है,

फीकी पड़ चुकी इन दीवारों को हर रंग से रंगना अभी बाकी है,

होनी है बयां बातें कई बस चुप्पी का टूटना अभी बाकी है,।।

ढल चुकी थी शाम और उसने कहा रात ढलनी अभी बाकी है,

बयां हो गई है ख्वाहिशें मगर कुछ तो कहना अभी बाकी है,।।

टूटी है जो आस उसके जुड़ने की गुंजाइश अभी बाकी है,

अभी तो छुआ है एक नया एहसास और बहकना अभी बाकी है,

अभी तो थामी है कलम और उस फसाने का पन्ने पर उतरना अभी बाकी है,

अधूरी सी मुलाकाते है और इंतज़ार गहरा अभी बाकी है.,


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