आज़ादी
आज़ादी
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लड़कों के समान ही समाज में लड़कियों को भी मिले समान अधिकार,
उन्हें भी उनके गुण दोषों के साथ किया जाए स्वीकार,
धर्म,जाति-पाति त्याग सच्चे प्रेम से करने मिले शादी,
तभी वह कहलाएगी सही मायने में आज़ादी,
बच्चों को अपने मन का विषय पढ़ने की हो स्वतंत्रता,
डॉक्टर, इंजीनियर बनने के दबाव में उन्हें महसूस न हो परतंत्रता,
लड़कों के समान ही लड़कियों को भी अकेले रहने का हो हक़ न हो उन पर कोई पाबंदी,
तभी वह कहलाएगी सही मायने में आज़ादी।
