Shailaja Bhattad
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हवाओं का यह रूखापन
तुझ से मिलने की जद्दोजहद
सूखे पत्तों की तरह टूटता,
बिखरता दर बदर
रखता है आरजू उन लम्हों की
जब होगी फिजाओं में कुछ नमी भी।
हे प्रभु
जय जय श्रीराम...
राम- भरत
श्री राम- भरत
हिन्दी नारे
श्रीराम
होली है
फूलों की होली
कान्हा होली म...
होली