S. Dayal Singh

Others

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S. Dayal Singh

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आओ बात करें

आओ बात करें

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**आओ बात करें **

आओ बैठे बात करें।

कुछ कहें कुछ सुने,

शुरू नई प्रभात करें।

बात करें अब लीक हट के,

सघन अँधेरे में क्यूँ भटकें,

कोसों कोस निकल लें बच के,

उस राह की तलाश करें।

आओ बैठे बात करें। 

चिर उमरों तक मिल कर रह लें,

काँटों को भी खिलकर सह लें,

मन की मन से खुलकर कह लें,

पैदा सुखद हालात करें।

आओ बैठे बात करें।

प्यार से पत्थर को पिघला दे,

अंतर्मन से द्वेष मिटा दें,

शांत शान्ति का दीप जला दें,

दूर अँधेरी रात करें।

आओ बैठे बात करें। 

टूटे शीशे कब जुड़ते हैं,

ओस में पत्थर कब घुलते हैं,

यार तराज़ू कब तुलते हैं,

आओ आत्मसात करें।

आओ बैठे बात करें। 

आओ चलें चाँद से आगे,

चाँद से अगले चाँद से आगे,

गहरी नींद से अब तो जागें,

नवयुग की शुरुआत करें।

आओ बैठे बात करें। 

--एस.दयाल सिंह--


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