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Priyanka Gupta

Others

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Priyanka Gupta

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आईना

आईना

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तू खुद को पहचान, तू है शोला पर बदनाम,

अँगारे है ख्वाबों में, फिर भी इतना क्यों गुमनाम ।

माँ की कोख से जनम लिया, सपनो ने तुझको पाला है,

तू और ही कुछ है गिरते पड़ते आखिर तूने जाना है ।


वो भूख तुझे दिखती वो आँसू दिखते है मैदानो में,

जो मूक तू उनके शब्द बनके फिरता है चौबारों में ।

क्या खाक तुझे समझेगी दुनिया तू इनसे है बहुत अलग,

तू नही जीता खुद के लिए तेरी ज़िंदगी है खुद से अलग ।


दर्द वो सीने में लेके जो अक्सर कुछ ना कहते है,

जी मैडम जी सरजी कहके मस्तक नीचे रखते है ।

कोई और नही ये इस दुनिया का हिस्सा है अब मान लो,

ना अलग थलग करके इनको तुम खुद को शर्मसार करो ।


ना हर साधु सम्पन्न यहा ना हर राजा भंडारी है,

तू खुश है गर खुद से तो बस ये दुनिया तेरी सारी है ।

मँझदार में फंसी नैय्या की एक तू ही तो पतवार है,

कल की तू सोचे बहुत क्या आज जीने को तैयार है ?


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