फिर तुमने अपने इस तन की क्या मामूली सी कीमत लगाई है। फिर तुमने अपने इस तन की क्या मामूली सी कीमत लगाई है।
मैं बात करने चला था पर फिर से मुकर गई जिंदगी आज भी। मैं बात करने चला था पर फिर से मुकर गई जिंदगी आज भी।
पूत है कुल का गौरव तो, बेटी है संसार।।30 पूत है कुल का गौरव तो, बेटी है संसार।।30
वर्ना बिना रीढ़ की हड्डी के जीवन दिव्यांगता बन जाती है। वर्ना बिना रीढ़ की हड्डी के जीवन दिव्यांगता बन जाती है।
टूटने लगे अब तार साँस के, कि जीना मुझे और अभी, टूटने लगे अब तार साँस के, कि जीना मुझे और अभी,
दे के समय अपना अपने पौधों को बनाए वृक्ष ताकि उनकी छाँव में रह सकें आपके अपने दे के समय अपना अपने पौधों को बनाए वृक्ष ताकि उनकी छाँव में रह सकें आपके अपने