शिव अर्पण शिव अर्पण
पाप, अन्याय, अधर्म और निर्दयता ने, अपना पैर पसराया है। पाप, अन्याय, अधर्म और निर्दयता ने, अपना पैर पसराया है।
बसिया तू मतवारो कान्ह उरझी पैंजनि नेक सुरझाय दे। लला देखन दै सिर मोर मुकुट मोय चटक चुनरिया पहराय दै... बसिया तू मतवारो कान्ह उरझी पैंजनि नेक सुरझाय दे। लला देखन दै सिर मोर मुकुट मोय ...
और मेरे रोज़ पहनने के लिए अपने हाथों से छुए मुझे, बस इतने में तो मैं भवसागर पार हों जा और मेरे रोज़ पहनने के लिए अपने हाथों से छुए मुझे, बस इतने में तो मैं भवसागर प...
सुन्दरकाण्ड का पाठ उचारा तन और मन हुआ तृप्त सारा। सुन्दरकाण्ड का पाठ उचारा तन और मन हुआ तृप्त सारा।
स्कन्द,कुमारा, मुरुगान,महासेना, सुब्रमण्यम, जिनके नाम हैं, वो भगवान कार्तिकेय हैँ। स्कन्द,कुमारा, मुरुगान,महासेना, सुब्रमण्यम, जिनके नाम हैं, वो भगवान कार्तिकेय...