खाकी वर्दी तेरी मनमर्जी ढाती जुर्म हजार है ए कैसा अत्याचार है ए कैसा भ्रष्टाचार है ! खाकी वर्दी तेरी मनमर्जी ढाती जुर्म हजार है ए कैसा अत्याचार है ए कैसा भ्रष्टाचार ...
देखकर मुझको ऐसे एक मुजरिम शरमा गया चोरों की कतार में जैसे कोई साहूकार आ गया ! देखकर मुझको ऐसे एक मुजरिम शरमा गया चोरों की कतार में जैसे कोई साहूकार आ गया !
स्वच्छ राजनीति अपनाकर गन्दी राजनीति जड़ से मिटाता ! स्वच्छ राजनीति अपनाकर गन्दी राजनीति जड़ से मिटाता !
लोकतंत्र का बना अचार फैल गया है भ्रष्टाचार! लोकतंत्र का बना अचार फैल गया है भ्रष्टाचार!
रिश्वत बंद करना बहुत है आसान बस आप हम पर करो एक एहसान! रिश्वत बंद करना बहुत है आसान बस आप हम पर करो एक एहसान!
असत्य भी कहेंगे तो जोर-शोर से, क्षण-क्षण प्राचीर कहे ‘सत्यमेव जयते’...! असत्य भी कहेंगे तो जोर-शोर से, क्षण-क्षण प्राचीर कहे ‘सत्यमेव जयते’...!