कहाँ हैं ईश्वर
कहाँ हैं ईश्वर
ईश्वर कहाँ हैं ये पता नहीं मूर्ति में भगवान होते हैं, पता नहीं ईश्वर को मन में रहेंगे जब ही प्रकट हो पाएंगे ! ईश्वर मूर्ति में नहीं तुम्हारे अन्दर हैं। एकांत में आकर देखो मिल जायेंगे ढूँढने से मिलेंगे नहीं। परिस्थतियों में ग़लती भगवान की नहीं तेरी कुछ कमी है, बलवान तो हर कोई है भगवान से बलवान कोई नहीं। ईश्वर कभी खोजे नहीं जाते वह हमेशा आस-पास ही रहते, भगवान सुनते हर किसी की तेरी भी सुनेंगे विश्वास दूसरों पर मत कर बेशक भगवान पर तो रख। लालसा ने मुर्ख बना ड़ाला भगवान को ही भुला ड़ाला, ईश्वर इम्तिहान भी लेता मुश्किल आसान भी करता है। भगवान की नज़रों से बच वह देख रहा है!!