ख़्वाहिश ख़्वाब जान जुनून लिखते हैं चाँदनी चाँद ख़ुशबू ओ फूल लिखते हैं ! रूह इश्क़ मोहब्बत महबूब लिखते हैं शायर हैं जनाब सफेद झूठ लिखते हैं !!
तेरी बिंदिया के जैसा ख्वाबों की रातों में टिमटिमाता इश्क़ तेरी बिंदिया के जैसा ख्वाबों की रातों में टिमटिमाता इश्क़
दिल के संदूक में, जहाँ पड़े पड़े उनमें लग जाती है फफूँद ! दिल के संदूक में, जहाँ पड़े पड़े उनमें लग जाती है फफूँद !
व्यग्र व्याकुल नितान्त निर्वात उद्विग्न उत्पात मानस आघात ! व्यग्र व्याकुल नितान्त निर्वात उद्विग्न उत्पात मानस आघात !
मैं और वो पल तेरे बाद अब उड़ नहीं पाते हैं ! मैं और वो पल तेरे बाद अब उड़ नहीं पाते हैं !
कोई बाल मन सी हसरत उठेगी देखना फूँक मार फिर उड़ाएगा कोई बाल मन सी हसरत उठेगी देखना फूँक मार फिर उड़ाएगा
होना सियाह कायनात में रंग भर दे न होने से भी रौशन माहताब हर रात ! होना सियाह कायनात में रंग भर दे न होने से भी रौशन माहताब हर रात !
सुनना ध्वनि मेरे मौन की और बस अनुभव करना हृदय स्पंदन ! सुनना ध्वनि मेरे मौन की और बस अनुभव करना हृदय स्पंदन !
इनकी वास्तविकता ही तो इनका आकर्षण होती है । इनकी वास्तविकता ही तो इनका आकर्षण होती है ।
पागल दिल को कैसे संभाले कोई उनका लहराता आँचल हवा में है ! पागल दिल को कैसे संभाले कोई उनका लहराता आँचल हवा में है !
बुझा कर रखी यादें, तारे बिखरने को हैं शुष्क से थे जो नैन अब ओस पड़ने को है ! बुझा कर रखी यादें, तारे बिखरने को हैं शुष्क से थे जो नैन अब ओस पड़ने को है !