जो महसूस करती हूं बस उसी को उतारने की , शब्दों में ढालने की कोशिश है ।
नीला है अंबर और हरी है धरती , इनमें समाई है सारी सृष्टि। नीला है अंबर और हरी है धरती , इनमें समाई है सारी सृष्टि।
बंध रही हूं मैं, फिर टूटे बंधन में बंधती जा रही हूं मैं। बंध रही हूं मैं, फिर टूटे बंधन में बंधती जा रही हूं मैं।
और किसी की क्या बात कहूं मन मेरा मेरी ही समझ में आता नहीं। और किसी की क्या बात कहूं मन मेरा मेरी ही समझ में आता नहीं।
हर अक्षर नम्र मन की कथा कह रही। हर अक्षर नम्र मन की कथा कह रही।
दरारों में भर गयी प्यास और लम्हा कोई खास मुझमें जागने लगा। दरारों में भर गयी प्यास और लम्हा कोई खास मुझमें जागने लगा।
हां ! जिंदगी खूबसूरत है, जब जिंदगी हाथ थाम संग होती है। हां ! जिंदगी खूबसूरत है, जब जिंदगी हाथ थाम संग होती है।
कब ठहरा है, जो आज ठहर जाएगा। पहिया वक्त का फिर घूम जाएगा। कब ठहरा है, जो आज ठहर जाएगा। पहिया वक्त का फिर घूम जाएगा।
ममता की गोद में भावी मां खेलती है, चाहे पुकारो बेटी मुझे, चाहे मुझे मां कहो ममता की गोद में भावी मां खेलती है, चाहे पुकारो बेटी मुझे, चाहे मुझे मां कहो
नहीं , मैं फिर भी नहीं रखती निराशा बस अब नहीं कर पाती मैं फिर भरोसा। नहीं , मैं फिर भी नहीं रखती निराशा बस अब नहीं कर पाती मैं फिर भरोसा।
उठाती हूं जब जब-जब कलम तुम्हें करीब पाती हूं। उठाती हूं जब जब-जब कलम तुम्हें करीब पाती हूं।