बहुत करीब से देखा है मैंने जिंदगी को , तभी रिश्तों में ज्यादा करीबी पसंद नहीं !!
हां बहुत बुरे हो तुम कभी भी मुझे बांहों में घेर नहीं कहते हो जान न ही जानू न देते हो गुलाब न ही ... हां बहुत बुरे हो तुम कभी भी मुझे बांहों में घेर नहीं कहते हो जान न ही जानू न...
आँसू सूख गये शोभा के आज खुद से ही आत्मसात हो कर । उठ खड़ी हुई कि शाम होने को आ गयी थी को आँसू सूख गये शोभा के आज खुद से ही आत्मसात हो कर । उठ खड़ी हुई कि शाम होने को आ गय...
वो एक पिता की चिन्ता है जिसे शायद वो तभी समझ पायेगा जब वो खुद पिता बनेगा ! वो एक पिता की चिन्ता है जिसे शायद वो तभी समझ पायेगा जब वो खुद पिता बनेगा !
आइ लव यूँ कहा आइ लव यूँ कहा
दीवानों की तरह खुद को मौत का तलबगार लिखूंगी ! दीवानों की तरह खुद को मौत का तलबगार लिखूंगी !
चंद दिनों के लगाव में लगे जब कोई अपना और होने लगे बगावत चंद दिनों के लगाव में लगे जब कोई अपना और होने लगे बगावत
दिलों पर करके राज तुम मर कर भी जी लो ! दिलों पर करके राज तुम मर कर भी जी लो !
दो जिस्म ए जान ही समझ सकते हैं जैसे मैं और तुम ! दो जिस्म ए जान ही समझ सकते हैं जैसे मैं और तुम !
साथ और कोई नहीं था मेरे ख्वाबों के अलावा ! साथ और कोई नहीं था मेरे ख्वाबों के अलावा !
इसके लिए उम्मीदों को कभी-कभी दरकिनार कीजिए ! इसके लिए उम्मीदों को कभी-कभी दरकिनार कीजिए !