स्वयं को अभी जाना नही .. क्रम जारी है
हर घड़ी हर पल जिंदगी जीती है मुझ में और मैं ज़िन्दगी में। हर घड़ी हर पल जिंदगी जीती है मुझ में और मैं ज़िन्दगी में।
यही चाँद हम दोनों तकते हैं यही चाँद हम दोनों तकते हैं
तो क्यों न थोड़ी देर बाहर की हवा खाकर जी लिया जाये। तो क्यों न थोड़ी देर बाहर की हवा खाकर जी लिया जाये।
लाठी की मार मार मार और अलविदा सांसें। लाठी की मार मार मार और अलविदा सांसें।
तुम्हारा पीछा करके तुम तक पहुंच जाती है। तुम्हारा पीछा करके तुम तक पहुंच जाती है।
ना जाने मेरे किस जन्म का कर्ज उतार चले। ना जाने मेरे किस जन्म का कर्ज उतार चले।
क्रोध में सांसों का उखड़ना या दौड़ या मेहनत जब सांसे थक जाती है क्रोध में सांसों का उखड़ना या दौड़ या मेहनत जब सांसे थक जाती है
अंतिम यात्रा के लिए अब वो चार कंधे भी जरूरी नहीं रहे रोते बिलखते वो स्नेहीजन भी नहीं रहे। अंतिम यात्रा के लिए अब वो चार कंधे भी जरूरी नहीं रहे रोते बिलखते वो स्नेही...
कदमों को रोका है मिलने जुलने से रोका है खुद से मिलो न तुम्हें किसने रोका है कदमों को रोका है मिलने जुलने से रोका है खुद से मिलो न तुम्हें किसने रोका है
और हम रह जाते हैं यूँ ही बिन कहे। और हम रह जाते हैं यूँ ही बिन कहे।