I'm Pradeep Singh and I love to read StoryMirror contents.
अरमानों के बोझ बड़े हैं , और साँसों के सिक्के कम हैं , ज़िंदा रहने की कोशिश में, हम तुम अरमानों के बोझ बड़े हैं , और साँसों के सिक्के कम हैं , ज़िंदा रहने की कोशिश में...
तुम अबके लौटे हो मगर, तो ओढ़ लाये हो तिरंगा। इन तीन रंगों के आगे, सब श्रृंगार फ़ीका पड़ ग तुम अबके लौटे हो मगर, तो ओढ़ लाये हो तिरंगा। इन तीन रंगों के आगे, सब श्रृंगार ...
उन पराजित दो हृदय की जीत का फिर क्या हुआ। उन पराजित दो हृदय की जीत का फिर क्या हुआ।
उस रोज़ ना जाने क्या हुआ, कि फिर सुबह नहीं हुई। उस रोज़ ना जाने क्या हुआ, कि फिर सुबह नहीं हुई।
और बंधन तोड़ सारे, हम भंवर के पार आये। और बंधन तोड़ सारे, हम भंवर के पार आये।
अर्थ को क्यों प्रेम समझा, प्रेम से क्यों हार बैठे। अर्थ को क्यों प्रेम समझा, प्रेम से क्यों हार बैठे।
था हमको ये ज्ञात नहीं, कि लेन-देन की दुनिया में, बस देना भी होता है। था हमको ये ज्ञात नहीं, कि लेन-देन की दुनिया में, बस देना भी होता है।
तुम मोम की तरह पिघलती हो, पर मोम पिघलकर भी मोम हो जाता है, बताओ ना, तुम चाँद हो, मोम हो या फिर एक... तुम मोम की तरह पिघलती हो, पर मोम पिघलकर भी मोम हो जाता है, बताओ ना, तुम चाँद ...
मैं बीच बाज़ार खड़ा हूँ, हाथ में थामे कुछ डिग्रियाँ, जिनमे दर्ज आंकड़े बताते हैं, मैं योग्य उम्मी... मैं बीच बाज़ार खड़ा हूँ, हाथ में थामे कुछ डिग्रियाँ, जिनमे दर्ज आंकड़े बताते ह...
खड़ी इमारत में पानी, जब बहुत देर जम जाता है, नींव खोखली हो जाती है, भवन वही मर जाता है। खड़ी इमारत में पानी, जब बहुत देर जम जाता है, नींव खोखली हो जाती है, भवन वही मर...