I'm अपर्णा and I love to read StoryMirror contents.
समझी मेरी भाभी, हो तुम बड़ी ही नकचढ़ी। समझी मेरी भाभी, हो तुम बड़ी ही नकचढ़ी।
मेरे अँगना, नीम का पेड़ दे छाँव अपनी साथ छोड़ चले। मेरे अँगना, नीम का पेड़ दे छाँव अपनी साथ छोड़ चले।
चलो कुछ पल के लिये सही कलम को विराम देते हैं आते हैं जरा मिलके उनसे देखें फिर अल्फ़ाज़ क... चलो कुछ पल के लिये सही कलम को विराम देते हैं आते हैं जरा मिलके उनसे द...
कल भी तो मुलाकात हुई थी लगता है कल ही तो बात हुई थी कल ही तो मिले थे आज लगता है जैसे कितने पल बी... कल भी तो मुलाकात हुई थी लगता है कल ही तो बात हुई थी कल ही तो मिले थे आज लगता ...
यह मिथ्या है यह जीवन क्षण भंगुर है। यह मिथ्या है यह जीवन क्षण भंगुर है।
पूर्णता को अपूर्ण मान अपनी जीवन को नित्य सँवारता है। पूर्णता को अपूर्ण मान अपनी जीवन को नित्य सँवारता है।
आज मैं तुम से रूठ जाती हूँ आओ अब मनाओ मुझे ना मानूँगी फिर भी ग़म ओ खुशी को जी जाओगे फिर से, फिर ज... आज मैं तुम से रूठ जाती हूँ आओ अब मनाओ मुझे ना मानूँगी फिर भी ग़म ओ खुशी को जी ...
बिना कर्तव्यों के निर्वाहन से ख़ुशियों सी इस जीवन के सृजन से दूर एक माया-मोह के जीवन में बांधते ... बिना कर्तव्यों के निर्वाहन से ख़ुशियों सी इस जीवन के सृजन से दूर एक माया-मोह ...
और खयालों में... अपने चांद को बुलाती हो हरदम मुक्कमल सा हुआ लगता था उसका हर बात में होना एक परवा... और खयालों में... अपने चांद को बुलाती हो हरदम मुक्कमल सा हुआ लगता था उसका हर ब...
नारी हूँ पर ,'अबला हूँ' यह बर्दाश्त नहीं माँ हूँ, बहन, बेटी, बहु आदर की हक़दार हूँ बन अभागन का ज... नारी हूँ पर ,'अबला हूँ' यह बर्दाश्त नहीं माँ हूँ, बहन, बेटी, बहु आदर की हक़दा...