मैं एक अध्यापिका ,लेखिका, कवियत्री हूँ, समाज का आइना हूँ......
कुछ मिला था उनकी गहराई में छिपा हो कोई रात की परछाई में कुछ मिला था उनकी गहराई में छिपा हो कोई रात की परछाई में
जीवनदान लगाओ वृक्ष बचाओ धरती मस्तिष्क में रखो सुधार। जीवनदान लगाओ वृक्ष बचाओ धरती मस्तिष्क में रखो सुधार।
यह पिता भूले भटको का यह रक्षक आओ इसे प्रणाम करें प्रकृति का सम्मान करें। यह पिता भूले भटको का यह रक्षक आओ इसे प्रणाम करें प्रकृति का सम्मान करें।
शहर में ना आना यह पर यह पर्यावरण का है दुश्मन। शहर में ना आना यह पर यह पर्यावरण का है दुश्मन।
अब तो बन जाओ तुम रक्षक बहुत बन चुके तुम भक्षक। अब तो बन जाओ तुम रक्षक बहुत बन चुके तुम भक्षक।
बहुत कर चुके नाश इसका अब हरियाली चारो तरफ फैलाएंँ। बहुत कर चुके नाश इसका अब हरियाली चारो तरफ फैलाएंँ।
उपवन सुगंधित है कितना आओ देख कर आते , प्रकृति ने श्रृृंंगार किया सभी कोई हैं हमें बतला उपवन सुगंधित है कितना आओ देख कर आते , प्रकृति ने श्रृृंंगार किया सभी कोई हैं ...
इंद्रधनुष की चुनर ओढ़ मैं तो खिल जाऊंगी इंद्रधनुष की चुनर ओढ़ मैं तो खिल जाऊंगी
मानव लेता इनसे सब कुछ है फिर भी कृतघ्न है मानव। मानव लेता इनसे सब कुछ है फिर भी कृतघ्न है मानव।
पशु पक्षी और मानव ये तीन रचना है कुदरत की पशु पक्षी और मानव ये तीन रचना है कुदरत की