मुझे शायरी लिखने और बोलने का जुनून है। मैंने बहुत से कवि सम्मेलन और ओपन 🎤 में अपनी प्रस्तुति दी हुई है। मेरे पसंदीदा शायर तहज़ीब हाफी सहाब, डा. कुमार विश्वास हैं..
वो मेरा ख्वाब अपनी आँखों में लगाए बैठे हैं,, हम इसी बात पे आस लगाए बैठे हैं.. वो मेरा ख्वाब अपनी आँखों में लगाए बैठे हैं,, हम इसी बात पे आस लगाए बैठे हैं..
मत पूछो दोस्त मुझसे तबीयत मेरी- बस यूं समझ लो कि अच्छी नहीं है.. मत पूछो दोस्त मुझसे तबीयत मेरी- बस यूं समझ लो कि अच्छी नहीं है..
क्यूँ ना उसे वास्ता फिर खुदा का दिया जाए.. मुनासिब यही होगा कि उसका नाम ना लिया जाए.. क्यूँ ना उसे वास्ता फिर खुदा का दिया जाए.. मुनासिब यही होगा कि उसका नाम ना लि...
हाथों की लकीरें बताती है कि तू किस्मत में नहीं मेरी बस तभी से कोस रहा हूँ ये हाथ और ये हाथों की लकीरें बताती है कि तू किस्मत में नहीं मेरी बस तभी से कोस रहा हूँ ये...
लोगों में मशहूर कर दिया उसने मुझे मेरी कमियां बता कर, लोगों में मशहूर कर दिया उसने मुझे मेरी कमियां बता कर,
बेइंतिहा दर्द देकर - मेरे अश्कों से सवाल करते हो. बेइंतिहा दर्द देकर - मेरे अश्कों से सवाल करते हो.
वर्ना ऐसे रिश्ते ताश के पत्तों की तरह ढहते हैं, हाँ इसे ही प्यार कहते हैं। वर्ना ऐसे रिश्ते ताश के पत्तों की तरह ढहते हैं, हाँ इसे ही प्यार कहते हैं।
जुबान खामोश और आँखें नम हैं, तुम्हें कैसे बताये कितने दर्द में हम हैं.. जुबान खामोश और आँखें नम हैं, तुम्हें कैसे बताये कितने दर्द में हम हैं..
तू बेकार ही समझती है बेटा तेरा सयाना हो गया.. तू बेकार ही समझती है बेटा तेरा सयाना हो गया..
तेरे गुलाबी गालों के आगे फीका हर गुलाल है। तेरे गुलाबी गालों के आगे फीका हर गुलाल है।