लिखना अभिरुचि मात्र है। अचानक मन में आए भावों को मेरी लेखनी शब्दों का जामा पहना स्थूल रूप से देती है, जिसे निहार मैं मुग्ध हो जाती हूं।
काम कुछ ऐसा करो देश का तुम नाम करो ॥ काम कुछ ऐसा करो देश का तुम नाम करो ॥
माँ इक बार फिर से सीख सीखा दो जीवन की मिथ्या में चलना बतला दो। माँ इक बार फिर से सीख सीखा दो जीवन की मिथ्या में चलना बतला दो।
पहचान छुपा करता तू शरारत साफ न होता औ करता आहत। पहचान छुपा करता तू शरारत साफ न होता औ करता आहत।
जीवन अनुभव से हुए ज्ञान इकट्ठा देख के चेहरा खोले कच्चा चिट्ठा। जीवन अनुभव से हुए ज्ञान इकट्ठा देख के चेहरा खोले कच्चा चिट्ठा।
हरा रंग हरियाली है केसरिया बलशाली है हरा रंग हरियाली है केसरिया बलशाली है
पुष्प की हर बात निराली मन में भर देता हरियाली! पुष्प की हर बात निराली मन में भर देता हरियाली!
सूरज की महिमा इतनी, इससे तुम जानो सूरज की महिमा इतनी, इससे तुम जानो
आँसू आँखों का गहना नहीं चाहिए उसे बहना साथ निभाता बन सरूर कभी सता बन जाए। आँसू आँखों का गहना नहीं चाहिए उसे बहना साथ निभाता बन सरूर कभी...
पहले मानव समझदार थे जल के प्रति वफादार थे! पहले मानव समझदार थे जल के प्रति वफादार थे!
सावन में बरसे ला फुहार ए सखी मनवा झूमे ला हमार ए सखी! सावन में बरसे ला फुहार ए सखी मनवा झूमे ला हमार ए सखी!