Poet at Hindi community "अनेक समाचार पत्रों में कविताएं,ग़ज़लें तथा लेख प्रकाशित" इंस्टाग्राम:- @raahii
राम मिलेंगे हर मर्यादित भाषा में, पूज्य प्रमाणित पौराणिक परिभाषा में, राम मिलेंगे हर मर्यादित भाषा में, पूज्य प्रमाणित पौराणिक परिभाषा में,
ये हूरें_____तुमसे जलती हैं? अच्छा! इतनी सुंदर हो क्या? ये हूरें_____तुमसे जलती हैं? अच्छा! इतनी सुंदर हो क्या?
मैं तुम्हारा इंतज़ार कर रहा हूँ, कल भी किया था, आज भी,अब भी। मैं तुम्हारा इंतज़ार कर रहा हूँ, कल भी किया था, आज भी,अब भी।
पानी तुम्हारी नशों में दौड़ता है, सूखे में तुम हलक में आना, गीले जहर की तरह ! पानी तुम्हारी नशों में दौड़ता है, सूखे में तुम हलक में आना, गीले जह...
ये सफर भी कुछ लम्बी हो चली है बेवजह शायद, इंतजार भी रहता है और कहने से भी डरे जा रहे ये सफर भी कुछ लम्बी हो चली है बेवजह शायद, इंतजार भी रहता है और कहने से भी डरे ...
अब तू भँवरा कहे या चोर कहे, हमने लूटा जहाँ से बस झूठा ! अब तू भँवरा कहे या चोर कहे, हमने लूटा जहाँ से बस झूठा !
हमसफ़र बनके मेरे, जो आए थे साथ-साथ, वो मेरे अपने ही मुझको जलाकर चले गए। हमसफ़र बनके मेरे, जो आए थे साथ-साथ, वो मेरे अपने ही मुझको जलाकर चले गए।
दो बच्चे है मेरे काम की तलाश में निकला हूं, मर जाने का पर, खाली हाथ घर जाने का नहीं !! दो बच्चे है मेरे काम की तलाश में निकला हूं, मर जाने का पर, खाली हाथ घर जाने का ...
जानती थी, गिर के टूट जाऊंगा, फिर भी, उसने छोड़ के देखा जानती थी, गिर के टूट जाऊंगा, फिर भी, उसने छोड़ के देखा
खा गयी नदी मेरे डाले पत्थर सभी इस इंतजार में खुद को अब बेचारा लिखने चला हूँ खा गयी नदी मेरे डाले पत्थर सभी इस इंतजार में खुद को अब बेचारा लिखने चला हूँ