मुझे कविताएँ एवं विचार लिखना बेहद पसंद है। पाककला एवं नृत्य मेरी अन्य रूचियाँ है।
कहीं बन ऊफानी लहरें तू, विकराल रूप दिखा रहा। कहीं बन ऊफानी लहरें तू, विकराल रूप दिखा रहा।
मायूसियों ने यूं घेरा हुआ है, आकर के थोड़ा हंसा दो ना माँ। मायूसियों ने यूं घेरा हुआ है, आकर के थोड़ा हंसा दो ना माँ।
एक बरस के बाद आज फिर, फिर से होली आयी है। फिर से होली आयी है। एक बरस के बाद आज फिर, फिर से होली आयी है। फिर से होली आयी है।
जीत तुम्हारी ही होगी, इसलिए जानती हूं, रूठने का तुम दिखावा करोगे ! जीत तुम्हारी ही होगी, इसलिए जानती हूं, रूठने का तुम दिखावा करोगे !
इनमें से कुछ नहीं मिलता अब, सिवाय तुम्हारी याद के ! इनमें से कुछ नहीं मिलता अब, सिवाय तुम्हारी याद के !
कामयाबी खुशी से रोशन, जीवन को भरता चल। कामयाबी खुशी से रोशन, जीवन को भरता चल।
फिर भावनाएं जाग उठी, सोलह साल सी। फिर भावनाएं जाग उठी, सोलह साल सी।
क्या होगा जब तुम्हारी, बहनों माओं को हैवान मिले। क्या होगा जब तुम्हारी, बहनों माओं को हैवान मिले।
मेरे जज़्बात तुम्हीं से हैं, मेरे ख्यालात तुम्ही से हैं। मेरे जज़्बात तुम्हीं से हैं, मेरे ख्यालात तुम्ही से हैं।
मौसमों के चक्र सारे, चलते हैं चलते रहे हैं। मौसमों के चक्र सारे, चलते हैं चलते रहे हैं।