मैं सीधा साधा लेखक हूं। साहित्यिक शब्दों को गठन करना ही मेरी इच्छा है।
सफर यही सर्द का हवाओं का मौसम जिक्र हो तुम्हारा बस तुम्हें ही अपनाना। सफर यही सर्द का हवाओं का मौसम जिक्र हो तुम्हारा बस तुम्हें ही अपनाना।
धूम्रपान की ये लत, बुरी है इस कदर सूखे पत्ते की भांति वो बिखर गया धूम्रपान की ये लत, बुरी है इस कदर सूखे पत्ते की भांति वो बिखर गया
अजीब है हरकत इसकी देख देख यूँ मन हर्षाता अजीब है हरकत इसकी देख देख यूँ मन हर्षाता
एकता में बल दिखे आपस में है समरूपता एकता में बल दिखे आपस में है समरूपता
सतत् चलते रहें हम संकल्प रूपी सरिता बहे। सतत् चलते रहें हम संकल्प रूपी सरिता बहे।
यूँ ही क्यों ख़ड़े अकेले नजदीक आ जाओ! यूँ ही क्यों ख़ड़े अकेले नजदीक आ जाओ!
असाध्य रोग हो या फिर सर्दी जुकाम रोगी के प्रति वैद्य का सम्भव इंतज़ाम असाध्य रोग हो या फिर सर्दी जुकाम रोगी के प्रति वैद्य का सम्भव इंतज़ाम
निरोगी काया के प्रति नित नए करें प्रयास निरोगी काया के प्रति नित नए करें प्रयास
मेरी जिंदगी भी रेत घड़ी जैसी गिरती जैसे रेत चलती है वैसी। मेरी जिंदगी भी रेत घड़ी जैसी गिरती जैसे रेत चलती है वैसी।
कली कली में यूँ मंडराती फूलों की तुम तितली रानी कली कली में यूँ मंडराती फूलों की तुम तितली रानी