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लफ्ज वो जो चीखते हैं मेरे भीतर मेरे बहार वो कभी सुने नहीं जाते। लफ्ज वो जो चीखते हैं मेरे भीतर मेरे बहार वो कभी सुने नहीं जाते।
हवाओं में लिपटी है खुशियां कहीं कहीं घुटन में बंद कोई काया है। हवाओं में लिपटी है खुशियां कहीं कहीं घुटन में बंद कोई काया है।
मेरे होंठों से जा रही सिमटी खामोशी का तू इलाज है, मेरे होंठों से जा रही सिमटी खामोशी का तू इलाज है,
हम दोनो ठीक वैसे ही हैं जैसे जमीं और आसमान हैं। हम दोनो ठीक वैसे ही हैं जैसे जमीं और आसमान हैं।
तो थी ही नहीं कहीं किस्से कहानियों और जिंदगी में उसके, और भ्रम पाला था की मैं उसी सरताज तो थी ही नहीं कहीं किस्से कहानियों और जिंदगी में उसके, और भ्रम पाला था की मैं...
मैं जो कलम हूं तो स्याही तुम हो मैं अगर किताब हूं को पन्ना तुम हो मैं जो कलम हूं तो स्याही तुम हो मैं अगर किताब हूं को पन्ना तुम हो
चाहती तो मैं ये बेशक नहीं के मेरी अमावस की रात का चांद बनो तुम। चाहती तो मैं ये बेशक नहीं के मेरी अमावस की रात का चांद बनो तुम।
मेरे गुस्से से पूछे सवालों पर, तुम्हारे प्यार से मिले उन जवाबों से आज भी इश्क़ बेशुमार मेरे गुस्से से पूछे सवालों पर, तुम्हारे प्यार से मिले उन जवाबों से आज भी इश्क़ ब...
हर कोई छूटता जाएगा, न रहेगा कई संग तेरे साथ तेरे बस आंसू ही रह जाएगा। हर कोई छूटता जाएगा, न रहेगा कई संग तेरे साथ तेरे बस आंसू ही रह जाएगा।
एकाएक मुट्ठी भर चांदनी आ गई शर्माते इक रात आई बलखा के। एकाएक मुट्ठी भर चांदनी आ गई शर्माते इक रात आई बलखा के।