मै न कोई बड़ा लेखक नही कवी हूँ, सिर पर कलंगी है तो खुद को कभी कभी मोर समझ लेता हूँ। पर हां ! लेखों और कवियों से जुड़ना मेरा सौख है, शायद कभी कोई सीखा दे या खुद प्रेरित हो कुछ सिख जाऊं, यही लालच छिपाये इस महफ़िल में आया हूँ।
मेरी अपनी क्षमता सबसे अच्छी ये तब झूले ने मुझे बताया। मेरी अपनी क्षमता सबसे अच्छी ये तब झूले ने मुझे बताया।
साथ कि चाह में फैले इन हाथों का, इक मजबूत सहारा बन के तो आ जाओ। सहमे सहमे बढ़ते इन कदमों का, साथ कि चाह में फैले इन हाथों का, इक मजबूत सहारा बन के तो आ जाओ। सहमे सहमे बढ़ते...
प्रेमानुराग वंचित इस हृदय में, प्रेम का रस बरसेगा, खुद से खुद का मिलन जब होगा, आंनद का रस बरसेगा...! प्रेमानुराग वंचित इस हृदय में, प्रेम का रस बरसेगा, खुद से खुद का मिलन जब होगा, आ...
'निःस्वार्थ की छाँवं लिए जैसे परमार्थ को त्तपर खड़ा था, समता का भाव लिए वैसे ही क्यूँ झुक पाया न मैं ... 'निःस्वार्थ की छाँवं लिए जैसे परमार्थ को त्तपर खड़ा था, समता का भाव लिए वैसे ही क...
बजाये बुझने के वो और सुलग रही थी। अब की प्रहार तूफ़ान का था, पर अब वो चिंगारी बन चुकी ज्वाला थी। बजाये बुझने के वो और सुलग रही थी। अब की प्रहार तूफ़ान का था, पर अब वो चिंगारी बन ...
बड़े नामी परिवार की, कुंठित मानसिकता की गवाह हूँ मैं। सीमाओं में सीमित चौखट की, आज़ाद भारत की ग्रामीण ... बड़े नामी परिवार की, कुंठित मानसिकता की गवाह हूँ मैं। सीमाओं में सीमित चौखट की, आ...
मैं देख रहा हूँ, प्रकाशपुंज के उस निस्तब्ध ढलान को... जो कल एक नवयुग ले उदित होने को तैयार है। मैं देख रहा हूँ, प्रकाशपुंज के उस निस्तब्ध ढलान को... जो कल एक नवयुग ले उदित ह...
ज़िन्दगी की हक़ीक़त का बच्चों की कहानियों में खुलना ! अच्छा लगता है। ज़िन्दगी की हक़ीक़त का बच्चों की कहानियों में खुलना ! अच्छा लगता है।
'प्रत्येक अंग पर प्रहार झेल रहा था, क्यूंकि वो अचल पेड़ था, और मैं चुप चाप खड़ा देख रहा था, क्यूंकि मै... 'प्रत्येक अंग पर प्रहार झेल रहा था, क्यूंकि वो अचल पेड़ था, और मैं चुप चाप खड़ा दे...
कोई राह चुनने की भावना कोई राह चुनने की भावना